Saturday, March 13, 2010

निगम बोर्ड के 100 दिन

वर्तमान नगर निगम बोर्ड के 100 दिन पूर्ण हो चुके हैं। कार्यभार संभालते समय नगर निगम की आर्थिक स्थिति, पूर्व से चली आ रही प्रशासनिक अव्यवस्थाएं तथा पूर्व मंे 15 वर्ष तक निगम बोर्ड पर कब्जा जमाए रखने वाले भाजपा नेताओं की ओर से फैलाई गई अव्यवस्थाएं सब हमारे राह में एक बड़ी बाधा के तौर पर खड़ी थीं। भाजपा के शासन से त्रस्त हो चुके लोगों को कांग्रेस बोर्ड बनने के बाद रातों-रात बदलाव की उम्मीद थी, लेकिन हालात इतने बिगड़े थे कि हम अभी तक उन्हें पटरी पर लाने के प्रयासों में ही जुटे हैं।
इस अवधि में हमने जनता के सहयोग से व्यवस्थाओं में बदलाव के काफी प्रयास किए। अधिकांश में हम सफल हुए, कुछ में हमें आंशिक सफलता मिली है और कुछ में अभी भी हमारे लक्ष्यानुरूप सफलता नहीं मिली है। लेकिन हम इससे निराश नहीं हैं। हम हमारे लक्ष्यांे को हासिल करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। शहर के चहुंमुखी विकास को लेकर हमारी कई योजनाएं हैं। लेकिन उन पर एक दम क्रियान्वयन आर्थिक दृष्टि से संभव नहीं है। यहां हम पिछले सौ दिनों का लेखा-जोखा आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं।

निर्माण
आर्थिक बदहाली होने के बावजूद हमने पिछले बोर्ड के समय शुरू हुए किसी भी विकास कार्य को नहीं रोका। हां, प्राथमिकता के आधार पर उन्हें दो फेज में बांट दिया। अब हमने नवनिर्वाचित सभी पार्षदों से उनके वार्ड में 10-10 लाख रूपए के कार्य करवाने के लिए प्रस्ताव मांगे हैं। इस तरह शहर में प्रथम चरण में कुल 6 करोड़ रूपए के कार्य करवाए जाएंगे। इससे कई मूलभूत समस्यओं को जल्द ही समाधान हो जाएगा। कुछ पार्षदों ने हमें प्रस्तावों की सूची सौंप दी है, कुछ की आनी बाकी है। जिन पार्षदों से सूची मिल गई है, उसका एस्टीमेट बनाने की कार्यवाही शुरू कर दी है। जल्द ही उनकी एनआईटी जारी कर दी जाएगी।

गौशाला
निगम बोर्ड का कार्यभार संभालने के तुरन्त बाद हमने सबसे पहले गोशाला का रूख किया। गायों को माता का दर्जा देने वाले भाजपा नेताओं ने गोशाला की हालत बदतर कर रखी थी। गोवंश बेमौत मारा जा रहा था। चारों और गंदगी और अव्यवस्था का साम्राज्य था। माननीय गृहमंत्री श्री शांति कुमार जी धारीवाल के निर्देशन में हमने मिलकर इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए और वहां स्थिति में काफी सुधार आया है। वहां कई ऐसे कार्य करवाए गए/करवाए जा रहे हैं जिससे गायों के रहने की स्थिति में सुधार हुआ है। गोशाला को पास ही में जमीन भी आवंटित करवाई गई है। अब उसको हराभरा बनाने का काम चल रहा है। यहां एक और बात महत्वपूर्ण है कि पिछले डेढ़ माह में 286 गायों को पकड़ कर गोशाला भिजवाया है। हमारी कार्रवाई के डर से अब पशु पालक अच्छी गायों को सड़कों पर नहीं छोड़ रहे। यानि गोशाला पहुंच रही अधिकांश गायें बूढ़ी और बीमार है। उनकी देखभाल के लिए हमें अधिक संसाधनों की व्यवस्था करनी पड़ रही है। काम की नहीं होने के कारण पशु पालक भी इन्हें छुड़वाने नहीं आ रहे और इस समय गोशाला में बंद गायों की संख्या अब तक की सर्वाधिक है।


भवन निर्माण स्वीकृति
नगर निगम में कांग्रेस का बोर्ड गठित होने के बाद हम भवन निर्माण स्वीकृति के काम में तेजी लाए। राज्य सरकार की ओर से गठित तदर्थ समिति जिसमें मैं भी शामिल हूं के सामने आए लगभग सभी मामलों का निस्तारण हो चुका है। जो कुछ बाकी हैं उन पर इस माह में कार्रवाई पूरी हो जाने की संभावना है। इससे निगम के राजस्व में भी बढ़ोतरी हुई है। प्रशासन शहरों के संग शिविर के माध्यम से अब तक हम 67 स्वीकृतियां जारी कर चुकी हैं। इससे 1 लाख 20 हजार 98 रूपए की आय हुई है। 28 मामलों में हमारी ओर से कार्रवाई पूरी कर ली गई है। लेकिन आवेदक के द्वारा राशि जमा नहीं कराए जाने के कारण यह मामले लम्बित हैं। आवेदकों द्वारा राशि जमा करवाकर यह स्वीकृति प्राप्त की जा सकती है। इसके अलावा जोन स्तर पर जारी हुई स्वीकृतियां अलग हैं।

सफाई
कार्यभार संभालने के कुछ ही दिन में हमने सफाई को लेकर पिछले बोर्ड में हुआ घालमेल आप सबके सामने ला दिया था। अस्थायी कर्मचारियों की संख्या, वार्डों में जा रही ट्रोलियां और बहुत कुछ की पोल खुल गई थी। अब सभी वार्डों में निर्धारित संख्या में स्थायी और अस्थायी कर्मचारी जा रहे हैं। हालांकि अभी हम अपेक्षित नतीजे पर नहीं पहुंच सके हैं। हम शहर में घर-घर कचरा संग्रहण पद्धति लागू करने जा रहे हैं। इसके लिए हम महानगरों में इस तरह का काम कर रही कई कम्पनियों के सम्पर्क में है। कुछ कम्पनी के पदाधिकारी यहां आकर सर्वे करने और हमे डेमो देने का काम कर चुके हैं। कुछ और जल्द ही आने वाले हैं। हम कुछ ही समय में कुछ चिन्हित वार्डों में यह प्रक्रिया पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर चालू कर कोटा में इसके क्रियान्वयन की संभावनाओं का आंकलन कर लेंगे। यह कम्पनियां कचरे के निस्तारण की भी जिम्मेदारी लेंगी। इससे भी निगम को राजस्व मिलेगा। आर्थिक तौर पर भी यह वर्तमान पद्धति से कई गुना सस्ती पड़ेगी। पाॅलीथिन के खिलाफ भी हमने जनजागरण अभियान शुरू किया था। निगम की पहली बोर्ड में पाॅलीथिन पर प्रतिबंध के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित करवाने के बाद हमने इसे गजट नोटीफिकेशन के लिए राज्य सरकार के पास भेज दिया है। गजट नोटीफिकेशन होने के बाद पाॅलीथिन के उपयोग के खिलाफ हम नगर पालिका अधिनियम के तहत सख्त कार्यवाही करने वाले हैं। पालीथिन का उपयोग करने वालों पर अधिनियम की धाराओं के तहत न्यायालय में चालान पेश किया जाएगा।

प्रशासन शहरों के संग अभियान
इस अभियान के माध्यम से भी हम ने जनता को उनके घर के निकट जाकर कई तरह की सुविधाएं देने का प्रयास किया है। स्टेट ग्रांट एक्ट के तहत 8 आवेदन प्राप्त हुए जिनमें से दो के पट्टे जारी कर दिए गए हैं। खांचा भूमि के आवंटन के पांच मामलों का निस्तारण किया गया है। भूखण्डों के पुनर्गठन/उपविभाजन का एक प्रकरण आया जिसका निस्तारण कर दिया गया। रोड कटिंग का एक आवेदन प्राप्त हुआ था जिसका अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है। सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था के तहत 225 बंद लाइटें चालू की गई। इसके अलावा 21 एनर्जी सेविंग लाइटें लगाइ्र गईं। 292 स्पान एबीसी वायर डालने के प्रस्ताव बनाए गए। 40 नए पोल्स लगाकर एवं 67 सीएफएल लाइटें व 369 टृयूट लाइटें लगाने के प्रस्ताव तैयार किए गए। सड़कों नालियांे व गलियों में 124 रनिंग किमी सफाई की गई। इससे 223 टन कचरा उठाया गया। 75 नालों की सफाई की गई। इसके अतिरिक्त 222 सार्वजनिक शौचालयों एवं मूत्रालयों की सफाई करवाई गई। 1390 सीवर/मेनहोल की सफाई की गई। नई पाइप लाइन ब्छिाने के 3 तथा सीवरेज मरम्मत के 3 आवेदन प्राप्त हुए। 10 मेनाहोल दुरूस्त करवाए गए। 3056 जन्म प्रमाण पत्र जारी किए जा चुके हैं। इसी तरह 163 मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी किए जा चुके हैं। सड़क मरम्मत कार्यों के 119 प्रार्थन पत्र आए जिस पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। 101 विवाह स्थलों का चिन्हिकरण किया गया है। इसी दौरान 6 का पंजियन भी कर लिया गया है। अभियान के दौरान 58 भवनों की लीज राशि जमा की गई जिससे 15 लाख 33 हजार 229 की आय हुई। राशि जमा कराने वालों को 3 लाख 97 हजार 146 रूपए की छूट दी गई। शहरी विकास कर के तौर पर 21 भवनों के 3 लाख 5 हजार 370 रूपए प्राप्त हुए और 49197 की छूट दी गई। अभियान के दौरान 100 फूड लाइसेंस जारी किए गए।
स्वर्ण जयन्ति शहरी रोजगार योजना के तहत विभिन्न तरह की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए 254 आवेदन फार्म वितरित किए गए जिसमे ंसे 3 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।

आपदा प्रबंधन
आपदा प्रबंधन के तहत बोर्ड की स्वीकृति मिलने के बाद रेस्क्यू वैन व कर्मचारियों को स्कूबा डाइविंग का प्रशिक्षण दिलाने व स्कूबा डाइविंग सूट के क्रय के लिए राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन कोष से राशि प्राप्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसके अलावा हम राज्य सरकार को हायड्रोलिक प्लेटफार्म वाली सीढ़ी के क्रय का प्रस्ताव भेजेंगे। यह सीढ़ी मल्टी स्टोरी में हादसे के समय कारगर साबित होती है।

सामुदायिक भवन
अधिकांश सामुदायिक भवन बुरी हालत में है। उनका रखरखाव भी ढंग से नहीं हो पा रहा। हमारी योजना है कि हम इन सामुदायिक भवनों को निजी हाथों में सौंपेगे। यह निजी संस्था सामुदायिक भवन के रखरखाव की पूरी जिम्मेदारी संभालेगी। इससे लोगों को अच्छी सुविधा वाले सामुदायिक भवन तो उपलब्ध होंगे ही निगम को भी राजस्व मिल सकेगा।

पार्किंग
पार्किंग सुविधा को बढ़ाने के लिए हमारी योजना है कि फ्लाईओवर के नीचे पार्किंग शुरू की जाए। चैपाटी और शाॅपिंग सेंटर क्षेत्र में आने वाले वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था वहां की जा सकती है। इसके अलावा गुमानपुरा-छावनी रोड पर वाहनों के कारण सड़क संकरी हो जाती है। हम प्रयास कर रहे हैं कि मल्टीपरपज स्कूल का कुछ हिस्सा पार्किंग के लिए आवंटित करवा लिया जाए। तो इस मार्ग के सभी वाहनों को वहां पार्क कराया जा सके।




राजस्व अर्जन
निगम की स्वयं की आय फिलहाल नगण्य है। इसको बढ़ाने के लिए हमने कई कदम उठाए हैं। प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान हमने विवाह स्थलों का चिन्हिकरण कर लिया है। जल्द ही हम उनके रजिस्ट्रेशन की कार्रवाई शुरू करेंगे। इसके अलावा नए अधिनियम के अनुसार हमने ऐसे कार्यों को चिन्हित करना शुरू कर दिया है जिससे निगम के राजस्व को बढ़ाया जा सके। मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में हम निगम के कोष में बढ़ोतरी करने में सफल हो पाएंगे।

पारदर्शी प्रशासन
पारदर्शी प्रशासन देने के लिए हम जल्द ही फाइल ट्रेकिंग सिस्टम लागू कर देंगे। इस को लागू करने में कुछ दिक्कतें आ रही हैं जिन्हें जल्द ही दूर कर लिया जाएगा। पेपर ट्रेकिंग के साथ-साथ कम्प्यूटर ट्रेकिंग भी की जाएगी।

कर्मचारियों की ट्रेनिंग
कर्मचारियों में काम के प्रति उत्साह जागृत करने के लिए हम जल्द ही उनकी ट्रेनिंग आयोजित करने वाले हैं। इसमें इंग्लिश बोलना, कम्प्यूटर पर कार्य आदि सिखाने के साथ उनका मनोबल बढ़ाने का भी प्रयास किया जाएगा। इसके अलावा हमारा प्रयास है कि सेवानिवृत हो रहे कर्मचारियों को उनकी सेवनिवृति के दिन ही देय भुगतान का चेक दे दिया जाए।

समय तय होगा
नगर निगम में लोग कई तरह के प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आते हैं। लेकिन अधिकारी के नहीं मिलने से इनको समय लग जाता है। एक अप्रेल से इस तरह के कार्य के लिए अधिकारियों के कार्यालय में मिलने का समय तय किया जाएगा। यदि अधिकारी किसी आवश्यक कार्य की वजह से कार्यालय में नहीं है तो उसके आते ही अधिनस्थ कर्मचारी संबंधित व्यक्ति को सूचना देकर कार्यालय आने के लिए कहेंगे।

मितव्ययता के लिए कर्मचारियों का पूल
निगम में कई काम ऐसे हैं जहां संविदा कर्मचारियों को लगाया गया है। लेकिन उनके पास इतना काम नहीं कि वे दिनभर व्यस्त रहें। हम ऐसे कुछ काम चिन्हित कर कर्मचारियों का पूल बना रहे हैं। जैसे संविदा कम्प्यूटर कर्मचारी, अतिक्रमण रोधी दस्ते आदि। कर्मचारियों का पूल बनने के बाद जिस भी अधिकारी या जगह पर कर्मचारी की आवश्यकता होगी वह उसे बुला सकेगा। इससे निगम पर आर्थिक भार काम होगा।

जनसमस्याएं
ब्लाॅग व अन्य माध्यमों से मुझे लोगों की समस्याओं की जानकारी मिल रही है। निगम से संबंधित समस्याओं के निस्तारण के अलावा हम अन्य विभागों से जुड़ी समस्याओं के लिए उनके अधिकारियों को भी पत्र लिख रहे हैं। इनके फोलोअप की व्यवस्था भी जल्द शुरू कर दी जाएगी।

Tuesday, March 2, 2010

Happy Holi to everyone !!!

Dear All,

Belated HOLI wishes to you. I wish that like these beautiful colours, there comes happiness in your life and you all keep smiling forever and ever.

Heartfelt apologies for being late, but I’m still sure that you people will accept my GOOD WISHES.

Thank you Gourav & Mradul for HoIi wihes.

HAPPY HOLI once again.

I have been reading your comments and want to share a few more things with you.

Sanitation is one of the major problems which Kota is facing today. After going through all the comments I felt that major thrust should be made in this field.

Here I want to tell you all that recently I visited Ahemdabad and there I had a big discussion about this with Mayor of SURAT, MUMBAI, AHEMDABAD and some other big cities. I learnt that they are following DOOR TO DOOR GARBAGE COLLECTION system, which has been successful in a big way. Not only it helps to keep the place clean but also prevents the city from various diseases. We are also planning to introduce this system in Kota. However, there are some hurdles in this planning also. One of these is DERA SYSTEM being practiced in the major portion of the city. We are trying to convince them that their interests will also be taken care of.

Secondly, a support from your side is also requested. The feedback which I got from our sanitation department is that people throw garbage on the streets after the cleaning process is completed, i.e around 10 AM. This in turn results in dirty streets again. Please throw the in-house garbage before the daily collection time or directly in to the wheel barrow of our employee.

Thirdly also convince other people to practice the same.

We are trying our level best to give best result in the field of sanitation. Your cooperation is required.

Another problem which I came to know in comments is the high beam of the vehicles. I have written a letter to the SP City regarding this and all other road safety related problems.

Recently, many new flyovers are coming in the city which will help to reduce the traffic congestion. We are also planning to widen the roads, clear the stray animals and repairing the pit-holes to manage the traffic properly.

I will get back to all of you soon. Looking forward to your suggestion and a clean and Green Kota.

Yours,

Dr. Ratna Jain

Thursday, February 11, 2010

My KOTA

Dear All
I welcome you all here to share all you want about Kota and how you can help me in making Kota a dream city.
I feel as a for mayor there are many compelling issues that beg and tug for an opinion, a position or just time and attention. People address issues and try to persuade any given audience to accept that candidate as their choice. That is the role of a politician. That is not my role. I am not a politician. What I seek to do in my career, first as mayor, is to present clearly and effectuate my vision of the better, more livable future that Kota deserves.
My vision for a better, more livable Kota includes all the traditional hot buttons: transportation, housing, safer and cleaner streets without undue burden on our businesses or residents. Kota can have all of those things without much more than sound management and visionary developmental policy of Congress. I hope you will read on.
The key to any city is a healthy environment and sound transportation. My vision includes the having a clean and green Kota.
Another problem all of us face is irresponsible, unclear working of Nagar Nigam. I promise you to give you a transparent accountable Nagar Nigam.
Our people of Kota contribute lot of money as various taxes but hardly ever get the value of their money paid .I promise you a value based developmental budget for Kota so that civic amenities are available to one and all not only to select few.
I believe my vision is clearer to you now.
I assure you I am open to all suggestion for a better Kota at any given moment.